Один комментарий к “d181d183d0b4”

  1. सब कुछ करने वाला तो ऊपर वाला होता हैफिर क्यों उसमे दखल दें और -हाँ ……..मैंने भी इक पाप किया हैजिसका त2¤2381;रायà#¶&#&381;चिત उम्र भर ना हो सकता है !एक सुन्दर रचना

Добавить комментарий

Ваш адрес email не будет опубликован. Обязательные поля помечены *